शिमला,
हिमाचल प्रकृति की गोद में बसा पहाड़ों से घिरा । एक छोटा- सा पर्वतीय स्थल है ।हिमाचल की समुद्र तल से ऊंचाई 350 मीटर सेल 6975 मीटर है ।क्षेत्रफल की दृष्टि से यह देश में 17वां स्थान प्राप्त है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है। जो कि भारत को ही नहीं विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर खींचती है। यह अपने अद्भुत सौंदर्य ,प्राकृतिक खूबसूरती ,वन्य जीवन का अनूठा मेल है।
इसके पर्वतीय स्थल शिवालिक पीर पंजाल ,जास्कर और महा हिमालय की चोटियां अद्भुत सुंदरता लिए पर्यटकों को हमेशा से आकर्षित करती रही हैं। यह बहुत ही सुंदर पर्वतीय क्षेत्र है। इन पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटक विभाग ने कई योजनाओं के तहत पर्यटकों के लिए यहां पर खास प्रबंध किया गया है इन पर्वत श्रृंखलाओं और इसके प्रमुख शिखर शिल्ला रीवा फरग्याल, दियो टिब्बा, और चूड़धार की खूबसूरती देखते ही बनती है। जो पर्वतारोहियों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पहाड़ों के बाद यहां की झीलो की खूबसूरती देखते ही बनती है झीलों में रिवालसर (मंडी) ,रेणुका (नाहन) ,मणिमहेश ,सूरजताल, खज्जियार झील (चंबा )कमरूनाग ,पराशर झील मंडी चंद्रताल झील, ढकड़छोह झील, मणि झील ,नैनोर झील (कुल्लू) दसाहर झील ,महाकाली भृगु झील, व्यास कुंड झील मनाली, गोविंद सागर झील पोंग बांध झील की अपनी ही प्राकृतिक सुंदरता है। हर तरफ प्राकृतिक नजारे ,प्रकृति का सौंदर्य ही दिखाई देता है ।वन्य जीवन की खूबसूरती इन ऊंची -ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं में देखते ही बनती है। हजारों की संख्या में सारा सारा पर्यटन हिमाचल की ओर चला रहता है हिमाचल प्रदेश की आमदनी का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन सैलानियों से प्राप्त होता है जो कि कोरोना काल में नाम मात्र रहा और कई लोगों के रोजगार इस छिन गए। आज कोरोना की वजह से कई पर्यटन स्थल खाली पड़े हैं ।होटल खाली पड़े हैं लेकिन उनको अपने बिजली, पानी के खर्चे वैसे ही देने पड़ रहे हैं जो उनकी अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा आघात है।
हिमाचल की खूबसूरती फिल्म उद्योग को अपनी ओर आकर्षित करती रही है ।लेकिन कोरोना काल में यह भी बंद है । देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती रही है।
यहां के लोगों का एक मुख्य व्यवसाय भी पर्यटन पर ही आधारित है ज़्यादातर लोगों की आमदनी का जरिया भी पर्यटन ही है ।
लेकिन कोरोना के कारण हिमाचल के पर्यटन व्यवसाय को भारी क्षति का सामना करना पड़ा है। जिससे लोगों के आय और व्यवसाय पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। अप्रैल से जून तक के महीने हिमाचल में भारी मात्रा में पर्यटकों का आगमन होता है ।लेकिन कोरोना की वजह से इस बार लॉक डाउन हो जाने के कारण पर्यटकों का आगमन नहीं हो पाया जिससे जो लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए थे उनकी आमदनी में भारी कमी हुई है। पर्यटन विभाग को एक भारी क्षति का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी नीतियां भी कोरोना की वजह से और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए अभी कोई पहल नहीं कर रही है। आशा की जा सकती है कि स्थितियों के अनुकूल होते ही फिर से इस रमणीय स्थल में पर्यटकों की आवाजाही पहले जैसी हो जाएगी। और लोग यहां की प्रकृतिक सौंदर्य का आनंद ले पाएं ।